मोरनी में नवीनीकृत नेचर कैंप थापली और इको-कुटीर का मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया उद्घाटन, नेचर ट्रेल पर ट्रैकिंग दल को दिखाई हरी झंड
हरियाणा सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसी कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला जिले के मोरनी क्षेत्र में नवीनीकृत नेचर कैंप थापली और इको-कुटीर का लोकार्पण किया। उन्होंने आयुर्वेदिक पंचकर्मा केंद्र का भी निरीक्षण कर वहां दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री श्री राव नरबीर सिंह और कालका की विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री ने कालका से कलेसर तक तैयार किए गए नेचर ट्रेल पर ट्रैकिंग के लिए दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि साहसिक पर्यटन आज की युवा पीढ़ी की रुचि का क्षेत्र है। इससे राज्य में पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि हरियाणा को एडवेंचर और नेचर टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री सैनी ने मोरनी क्षेत्र की त्रिफला वाटिका में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन को केवल मनोरंजन के नजरिए से नहीं देखा जा रहा, बल्कि इसे प्रकृति, संस्कृति और स्वास्थ्य के साथ जोड़ा जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि पर्यटन विकास का लाभ स्थानीय लोगों तक पहुंचे और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने नेचर कैंप में स्थापित क्लाइमेट चेंज लर्निंग लैब का अवलोकन भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लैब के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारणों और उनके समाधानों को सीखेंगे। इससे उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होगा और वे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी पंचकूला जिले के मोरनी क्षेत्र में नवीनीकृत नेचर कैंप, थापली का लोकार्पण करते हुए। साथ में हैं पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा व अन्य गणमान्य। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी पंचकूला जिले के मोरनी में वन विश्राम गृह लाल मुनिया का उद्घाटन करते हुए। साथ में हैं पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह, विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा व अन्य गणमान्य।
इको-टूरिज्म मॉडल से स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरनी क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और शांत वातावरण इसे प्राकृतिक पर्यटन के लिए आदर्श बनाते हैं। सरकार की रणनीति इस क्षेत्र को एक समग्र इको-टूरिज्म मॉडल के रूप में विकसित करने की है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि क्षेत्र की परंपराओं और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं के विकास से अधिक से अधिक पर्यटक आएंगे और इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार, हस्तशिल्प, गाइडिंग और अन्य सेवाओं में स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
स्वास्थ्य पर्यटन, योग और आयुर्वेद को मिलेगा बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन, योग, आयुर्वेद और साहसिक पर्यटन को मिलाकर एक मजबूत और सतत पर्यटन मॉडल तैयार किया जाए। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नया संबल मिलेगा।