प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपनी सरकार के 11 वर्षों की यात्रा का मूल्यांकन करते हुए इसे “सुशासन और समावेशी विकास” की प्रेरणादायक गाथा बताया। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि डिजिटल नवाचार, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक नीति निर्धारण में एक सशक्त आवाज बन चुका है। यह बयान ऐसे समय आया है जब मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा हो रहा है और विपक्ष एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों की अनदेखी के आरोप लगा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए कहा कि बीते 11 वर्षों में सरकार ने गरीबों, वंचितों और आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नीतियों को केंद्र में रखा। उन्होंने लिखा, “हमारी हर योजना का केंद्र बिंदु आम नागरिक का कल्याण रहा है – उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना, जनऔषधि योजना या पीएम किसान – इन सभी ने लोगों की उम्मीदों को नई उड़ान दी है।”
मोदी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि “विकासवाद” को भारतीय राजनीति की मुख्यधारा में लाकर उन्होंने नीति और बहस का केंद्र ही बदल दिया। ‘भारत प्रथम’ की भावना को सरकार के हर निर्णय की बुनियाद बताया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सामाजिक न्याय की दिशा में भी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वर्तमान मंत्रिपरिषद में 60% मंत्री एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों से हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा सामाजिक प्रतिनिधित्व है।
सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
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81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन
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15 करोड़ घरों तक नल से जल कनेक्शन
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4 करोड़ से अधिक गरीबों के लिए मकान
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12 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण
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68 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को बिना गारंटी ऋण
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52.5 करोड़ छोटे उद्यमियों को मुद्रा लोन
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20 करोड़ महिलाओं को कोविड काल में नकद सहायता
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि “भारत के हर नागरिक को आगे बढ़ाने का संकल्प ही हमारी प्रेरणा है।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार आगे भी जनकल्याण और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करती रहेगी।