भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर 25 मिनट के सैन्य ऑपरेशन के तहत जमीनी और हवाई हमले किए। इस अभियान में भारतीय सेना और वायुसेना ने साझा रणनीति
अपनाई। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि पश्चिमी परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसी देश (पाकिस्तान) की ओर से कोई
प्रतिक्रिया या स्थिति में वृद्धि होती है, तो भारत उसके लिए पूरी तरह तैयार है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा, “भारत ने अपने बचाव, जवाब देने और भविष्य के ऐसे सीमापार हमलों को रोकने के अधिकार का प्रयोग किया है।” मिसरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी, जिसका उद्देश्य क्षेत्र की सामाजिक स्थिरता, सांप्रदायिक सौहार्द और विकास कार्यों को प्रभावित करना था।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहलगाम हमला बर्बरता की सारी
सीमाएं पार कर गया था। उन्होंने कहा, “यह हमला केवल निर्दोष नागरिकों पर नहीं था, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर की उस शांति और विकास प्रक्रिया पर सीधा हमला था जिसे वर्षों की मेहनत से स्थापित किया गया है।”
पाकिस्तान के तार हमले से जुड़े
मिसरी ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि हमारे खुफिया तंत्र ने इस हमले में शामिल आतंकियों और साजिशकर्ताओं की
पहचान कर ली है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच में पाकिस्तान से जुड़े तारों का खुलासा हुआ है, जो इस हमले को प्रायोजित और
संचालित कर रहे थे।
सांप्रदायिक सौहार्दबिगाड़ने की साजिश
विदेश सचिव ने कहा, “हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था, खासकर तब जब राज्य में सामाजिक समरसता और आर्थिक प्रगति के संकेत दिखने लगे थे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि आतंकियों ने विशेष रूप से धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, जिससे उनकी मंशा साफ झलकती है।
भारत ने दिया माकूल जवाब
मिसरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कहा कि यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक ठोस संदेश था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर जवाब देने में सक्षम और तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया और यह कार्रवाई सटीक, संयमित और न्यायसंगत रही।