आगजनी की इन घटनाओं पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में प्रदेश के कई हिस्सों में खेतों में लगी आग से नष्ट हुई फसलों और पशुधन के नुकसान पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। रविवार को चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आपात बैठक कर उन्होंने “तुरंत मुआवजा‑वितरण और बीज‑खाद सहयोग” की घोषणा की, जिससे हजारों प्रभावित किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
आगजनी से फसलों का नुकसान: सरकार ने अपनाया सख्त रुख
बीते दिनों, राज्य के विभिन्न जिलों—विशेषकर हिसार, फतेहाबाद, कैथल और भिवानी—में लपटों ने खड़ी गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुँचाया। प्रारंभिक आकलन के अनुसार सैकड़ों एकड़ उपज राख में तब्दील हुई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि “सरकार हर परिस्थिति में किसान‑हित में खड़ी है”, और फसल या पशुधन खोने वाले प्रत्येक किसान को पारदर्शी व तीव्र प्रक्रिया के तहत मुआवजा मिलेगा।
आगजनी पीड़ितों को बीज‑खाद सहायता
मुख्यमंत्री सैनी ने दूसरी बड़ी राहत यह दी कि जिन किसानों की फसलें जलकर नष्ट हो गई हैं, उन्हें अगली बुवाई के लिए प्रमाणित बीज और रियायती खाद उपलब्ध कराई जाएगी। कृषि विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि बीज‑खाद वितरण की सूची शीघ्र तैयार कर ब्लॉक‑स्तर पर कैंप लगा कर सामग्री वितरित की जाए, ताकि किसान बिना वित्तीय दबाव के आगामी सीजन की तैयारी कर सकें।
मुआवजा वितरण: पारदर्शी व समयबद्ध प्रक्रिया
प्रशासनिक अधिकारियों को नुकसान के सर्वे, सत्यापन और भुगतान की डेडलाइन तय करने को कहा गया है। ई‑पोर्टल के माध्यम से आवेदन, भू‑अभिलेख मिलान और सीधे खाते में धनराशि स्थानांतरित की जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार और देरी दोनों पर लगाम लगेगी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट भेजने और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बजट की मांग करने के निर्देश भी दिए।
किसान कल्याण सर्वोपरि: सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री सैनी ने बैठक के अंत में दोहराया, “किसानों का दुख हमारा दुख है। उनकी आजीविका सुरक्षित रखना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।” राज्य सरकार ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में आगजनी जैसी आपदाओं से निपटने के लिए फसल बीमा जागरूकता अभियान और फायर सेफ्टी ट्रेनिंग चलाए जाएंगे, ताकि खेतों की सुरक्षा और किसानों का आत्मविश्वास दोनों मजबूत हों।