भारत ने शुक्रवार को  पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च किया। रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “बधाई हो भारत! भारत में एक नई शुरुआत।” भारत की अंतरिक्ष यात्रा! सार्वजनिक-निजी-भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलकर इस प्रयास को संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का बहुत-बहुत धन्यवाद। भारत के स्टार्ट-अप आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़!”।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इन-स्पेस स्काईरूट को इस उपलब्धि और सफलता के लिए बधाई दी और समर्थन प्रदान करने के लिए इसरो को भी धन्यवाद दिया। विक्रम-एस (विक्रम-सबऑर्बिटल (VKS) नाम का भारत का पहला निजी रॉकेट 18 नवंबर 2022 को दोपहर 1:30 बजे IST, मैसर्स स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। इस विक्रम-एस रॉकेट के सफल प्रक्षेपण ने भारत की की सूची में एक और मील का पत्थर जोड़ दिया है।

यह भारत की निजी कंपनी का पहला लॉन्च व्हीकल है। मिशन को IN-SPACE द्वारा अधिकृत किया गया था। भारत का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस महज 155 सेकेंड में करीब 89.5 किमी की ऊंचाई तक पहुंच गया। 

मिशन का नाम प्रारभ रखा गया। रॉकेट विक्रम-एस का नाम विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। पहले इसे 15 नवंबर को लॉन्च करने की योजना थी लेकिन मौसम की दिक्कतों के चलते इसे आज लॉन्च किया गया है। विक्रम-एस ने सुबह 11.30 बजे चेन्नई स्थित स्टार्ट-अप स्पेस किड्ज से उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी।

भारत के निजी रॉकेट की खासियत इसका फ्यूल इंजन है, जो कम बजट में सेट है। सामान्य ईंधन के स्थान पर तरल प्राकृतिक गैस तथा तरल ऑक्सीजन का प्रयोग किया गया, यह ईंधन सस्ता होने के साथ-साथ प्रदूषण रहित भी है। विक्रम एस को 2020 में  लॉन्च किया गया और इसे बनाने में 2 साल लगे।

इस उपलब्धि पर स्काईरूट एयरोस्पेस को बधाई देते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर पर ट्वीट किया कि, यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा विकसित रॉकेट विक्रम-एस ने आज श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी! भारत के निजी अंतरिक्ष उद्योग की यात्रा में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। शुभकामनाएं @isro @INSPACEIND

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